खण्डेलवाल (वैश्य) समाज एक प्रतिष्ठित समाज है, इसमें 72 गोत्र है और इनमें नाटाणी गोत्र प्रमुख है। जयपुर में नाटाणी परिवार का विशेष योगदान रियायतकाल से ही रहा है। जिसका उल्लेख इतिहास के अनेक ग्रन्थों में है। जयपुर में नाटाणियों का रास्ता, नाटाणियों का बाग, नाटाणियों का चौराहा, नाटाणियों की मोरी इस बात का प्रमाण है। साथ ही नाटाणियों की कुछ पुरातत्व हवेलियां जिन्हें सरकार ने संरक्षित धरोहरों में शामिल किया है। नाटाणी परिवार एक बहुत बड़ा गोत्र है, जिसके सदस्य भारत में ही नही विदेशों में भी रह रहे है। सामाजिक उत्थान के लिये वैश्य समाज के गोत्र नाटाणी ने वर्ष 2010 में सभी परिवार के सदस्यों को जोड़ने के लिये अखिल भारतीय नाटाणी परिवार (समिति) का गठन श्री विनय कुमार गुप्ता जी के नेतृत्व में किया गया। समिति परिवार के सदस्यों के सहयोग से सामाजिक उत्थान के लिये राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भागीदारी निभाने के लिये प्रयासरत है।